संदिग्ध गतिविधियां होने की शिकायतें मिलने पर मानव तस्करी निरोधक दस्ता व पुलिस टीम को चेकिंग के निर्देश दिए गए थे। एएचटीयू और ज्वालापुर पुलिस को सूचना मिली कि रानीपुर मोड़ के पास दिल्ली से आए एक युवक-युवती देह व्यापार करा रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने युवती को गिरफ्तार किया
मानव तस्करी निरोधक दस्ता (एएचटीयू) और ज्वालापुर पुलिस टीम ने देह व्यापार के धंधे का भंडाफोड़ किया। दिल्ली की युवती और दिल्ली के ही दो युवकों को गिरफ्तार कर कब्जे से बैग, आपत्तिजनक वस्तु और 4200 रुपये की नकदी, दो मोबाइल फोन बरामद किए। पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने होटलों और अन्य स्थानों पर संदिग्ध गतिविधियां होने की शिकायतें मिलने पर मानव तस्करी निरोधक दस्ता व पुलिस टीम को चेकिंग के निर्देश दिए थे। बुधवार की रात एएचटीयू और ज्वालापुर पुलिस को सूचना मिली कि रानीपुर मोड़ के पास दिल्ली से आए एक युवक-युवती देह व्यापार करा रहे हैं।
डील कर होटल में बुलाया जाता
व्हाट्सएप के जरिए ग्राहकों को फोटो भेजकर डील कर होटल में बुलाया जाता है। ज्वालापुर पुलिस क्षेत्राधिकारी निहारिका सेमवाल के नेतृत्व में कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा, एएचटीयू प्रभारी राकेंद्र कठैत आदि फोर्स के साथ टिबड़ी अंडरपास के पास छापा मारा। यहां पर एक ग्राहक और युवक-युवती को पकड़ लिया गया।
पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया, आरोपी अमन राय निवासी महिला कॉलोनी थाना गांधीनगर नई दिल्ली और डील करने आए आदिल मलिक निवासी किशन कुंज लक्ष्मी नगर दिल्ली और आनंद विहार पुरानी दिल्ली निवासी युवती को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के पास से व्हाट्सएप चैट के साथ ही कुछ युवतियों के फोटो, मोबाइल फोन नंबर मिले हैं।
प्रेमी के साथ आई थी हरिद्वार
पुलिस की पूछताछ में युवती ने बताया, वह अपने प्रेमी अमन राय के साथ दिल्ली से हरिद्वार आई है। अमीर बनने के चक्कर में वह देह व्यापार के धंधे में पड़ गई। अमन के कहने पर ग्राहकों को जस्ट डायल से कालिंग और व्हाट्सएप मैसेज करती थी। आदिल मलिक को डील करने के लिए ही अंडरपास के पास बुलाया था। जहां डील के बाद तीनों निकलने वाले थे। आरोपी अमन राय ने भी इस बात को स्वीकार किया है।
दो दिन रुककर वापस चले जाते थे
कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया, आरोपी महिला और युवक दिल्ली से देह व्यापार के लिए हरिद्वार आते थे। यहां मोबाइल फोन से ग्राहकों को प्रलोभन देकर होटल में बुलाते थे। ग्राहकों से मोटी रकम लेते थे और फिर एक-दो दिन रुककर वापस चले जाते थे। फोन पर संपर्क होने पर पुन: हरिद्वार आते थे।