समलैगिक विवाह से होगा परिवार और समाज के अस्तित्व के लिए संकट  रविंद्रपुरी

हरिद्वार।
 पंचायती अखाड$ा श्री निरंजनी में उच्च शिक्षण मंच द्वारा समलैंगिक विवाह आधुनिकता या अभिशाप विषय पर चिंतन बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के पश्चात समलैंगिक विवाह के विरुद्ध जन जागरूकता अभियान को लेकर मौन जुलूस निकालने और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया गया।
अखिल भारतीय अखाड$ा परिषद एवं मां मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज की अध्यक्षता में पंचायती अखाड$ा श्री निरंजनी में आयोजित चिंतन बैठक का संचालन डा. संजय माहेश्वरी ने किया। बैठक को संबोधित करते हुए श्रीमंहत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि समलैगिक विवाह गंभीर परिणामों की आेर संकेत करता है। एेसा विवाह परिवार और समाज के आस्तित्व के लिये संकट पैदा करेगा। देश की सामाजिक परिपाटी, मान्यताआें, संस्कृति और प्रकृति को बदलना उचित नहीं है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने सुप्रीम कोर्ट और केन्द्र सरकार से भारतीय समाज को संरक्षित करने में अपनी भूमिका का निर्वहन करने का अनुरोध भी किया। उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डा. दिनेश चंद्र शा ी ने  कहा कि वेदों में परिवार संस्था को ईश्वर प्रदत्त बताया गया है। परिवार के बिना सांस्कृतिक विकास संभव नहीं है। मातृ ऋण, पितृऋण और देवऋण परिवार के माध्यम से पूरे होते है। समलैंगिक विवाह मानसिक विकृति और मात्र यौनाचार है। इसका परिणाम दु:ख और पतन है। पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डा. महावीर अग्रवाल ने अपने विचार प्रकट करते हुये कहा कि राम और कृष्ण जैसे अवतारी पुरुषों की भूमि पर समलैंगिक विषय पर चर्चा करना बड$े दुर्भाग्य की बात है। यदि न्यायधीश न्याय के स्थान पर एेसे विकृत विषयों को बढ$ावा देंगें तो समाज का नैतिक पतन होगा। गुरुकुल क ांगड$ी सम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने कहा कि देश के कुछ लोगों की मानसिकता कलुषित हो गई है। जिसके कारण इस विषय पर चर्चा की आवश्यकता हुई, ये लार्ड मेकाले की शिक्षा पद्धति का दुष्परिणाम है। एसएमजेएन कालेज के प्राचार्य डा. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि सोलह संस्कारों से जीवन पूर्ण होता है। गलत प्रभाव में आए युवाआें को मुख्यधारा में जोड$ना होगा। समलैगिक विवाह माता पिता के रिश्ते को लोप कर देगा। राजकीय कालेज के प्राचार्य डा. दिनेश कुमार शुक्ल ने कहा कि बाहरी ताकतें भारत की मूल ताकत को समाप्त करना चाहती है। समलैगिक विवाह भारत को तोड$ने का कुत्सित प्रयास है। रामानन्द इंस्टिट्यूट के निदेशक डा. वैभव शर्मा, एचईसी ग्रुप आफ इन्स्टिटूयूशन के चेयरमैन डा. संदीप चौधरी, डीएवी सेन्टनरी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य डा. मनोज कपिल, डा. संजय माहेश्वरी, हरिआेम सरस्वती कालेज के प्राचार्य डा. आदित्य गौतम, डा. अमित कुमार, डा. सरोज शर्मा, डा. मोना शर्मा, दिव्यांश शर्मा, पंचायती अखाड$ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि, चिन्मय डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. आलोक कुमार, डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य मनोज कपिल,डा. अमित कुमार शर्मा आदि ने समलैंगिक विवाह को समाज व प्रकृति के खिलाफ बताते हुए विरोध दर्ज किया।

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