जागरूकता और खान पान ,व्यायाम है सरल बचाव
हरिद्वार।
जिला चिकित्सालय में प्रमुख अधीक्षक डा. सीपी त्रिपाठी की अध्यक्षता में विश्व मधुमेह दिवस पर गोष्ठी का आयोजन कर जनजागरूकता के लिये प्रचार प्रसार किया गया। इस अवसर पर जनजागरूकता,इसका उपचार, बचाव के लिए के लिए गोष्ठी कर जागरूक किया गया।
      फिजिशियन डा. स्वाति वर्मा ने कहा कि मधुमेह जीवन पर्यन्त चलने वाली और तेजी से फैलने वाली बीमारी है। यह बीमारी चार भागों में बांटी गई है। टाइप—1,टाइप—2 व अन्य दो। इस बीमारी के कारण ज्यादा वजन, स्ट्रेस, यूरिनल इन्फेकशन एल्कोहल,इत्यादि है इसलिये संतुलित आहार और व्यायाम जरूरी है।
प्रमुख अधीक्षक डा. सीपी त्रिपाठी, वरिष्ठ सर्जन डा. वशिष्ठ एवं डा. विकास दीप ने कहा कि मधुमेह का मूल कारण है कि हम सब प्राकृतिक अनाज, जमीन से अंकुरित होने वाले पोष्टिक आहार को भूलकर पिज्जा, बर्गर, पास्ता का सेवन ज्यादा करने लगे हैं। मधुमेह रोगी को अपने पैरों का ध्यान ज्यादा रखना चाहिए , क्योंकि मधुमेह के कारण हमारी नसें कमजोर होने के कारण पैरों के नीचे चोट लगने का एहसास ही नहीं होता है। अगर शुगर बढ$ी हुई है तो यह भयानक रूप ले सकता है। हम व्यायाम, घूमना तो भूल चुके हैं। योग हमसे होता नही है । इसलिये हमारा आलसीपन,और स्ट्रेस मधुमेह को बढ$ा रहा है,।
     वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. शशिकांत, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. एसके सोनी, डा. सुब्रत अरोड$ा, वरिष्ठ विशेषज्ञ डा. निष्ठा गुलाटी ने कहा कि बच्चों में टाइप -1 डायबिटिक मां को अगर है तो बच्चो में पाई जाती है और बच्चे का वजन भी ज्यादा होता है। डायबिटिक होने से रेटिनोपैथी आखों में इसका असर पड$ता है। इसलिये जो मधुमेह से ग्रसित हैं उन्हें हर वर्ष अपनी आंखों का पूरा चेकअप कराना चाहिए इसमें लापरवाही घातक हो सकती है।
   गोष्ठी में  डा. सीपी त्रिपाठी, डा. वशिष्ठ, डा. शशिकांत, डा. रामप्रकाश, डा. संजय त्यागी, डा. उषा बिष्ठ, डा. स्वाति वर्मा, डा. निष्ठा गुलाटी,डा. सुब्रत अरोड$ा, डा. एसके सोनी, डा. शिवम पाठक. मनोरमा ,सुषमा,डीपी बहुगुणा, पीसी रतूड$ी,धीरेंद्र सिंह,विपिन रावत, दिनेश लखेडा, केएम जोसेफ, नेहा, मिथलेश,सीएमआे कार्यालय से श्री राणा, दीपाली,राहुल यादव, मनोज, राजेश पन्त, राजन बडोनी,विनोद तिवारी,मंजू शर्मा,प्रदीप मौर्य, अमित,लालखान,आलोक,आदर्श मणि, नीतीश शर्मा अजीत रतूड$ी, भानु प्रताप,वासुदेव न्यूली,दया लाल,सुखपाल सैनी, सुरेश, पदम, आयुर्वेदिक इन्टर्नस, फार्मेसी इन्टर्नस के साथ – साथ भर्ती रोगियों के तीमारदार शामिल रहे। गोष्ठी का संचालन दिनेश लखेडा ने किया।

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