मुरादाबाद से डाॅ जयप्रकाश सक्सेना
विजयादशमी उत्सव शौर्य का प्रतीक
विजयादशमी पर आरएसएस का शस्त्र पूजन, स्वयंसेवकों ने किया पथ संचलन, राष्ट्र को मजबूत करने के लिए समाज को एकता का दिया संदेश
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस व विजयदशमी पर आज पीतल नगरी, गोविंद नगर, कटघर, दीनदयाल नगर, एवं हिमगिरी में स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि नवरात्रि नारी पूजा व शक्ति का प्रकटीकरण का दिवस है। पांडवों ने नवरात्रि की समाप्ति पर ही पुनः शस्त्र धारण किए। दुनिया में शक्तिशाली की बात सब सुनते हैं कमजोर की बात कोई नहीं सुनता। जंगल की आग में हवा भी सहयोग करती है वहीं हवा दीपक को बुझा देती है। उन्होंने कहा कि यज्ञ, गाय, सज्जन शक्ति, मंदिर की रक्षा के लिए राम के रूप में युवा शक्ति की जरूरत थी। अतः रावण के विरुद्ध विश्वामित्र द्वारा दशरथ से राम की मांग की गई। उस विषम परिस्थिति को देखते हुए राम ने प्रतिज्ञा की थी निशाचर हीन करूं महिं। राम ने वनवासी समाज, आदिवासियों को संगठित किया। उन्होंने शक्ति के प्रकारों की विवेचना करते हुए कहा कि शक्ति के 5 प्रकार आत्मा बल, बुद्धि बल, शारीरिक बल, शस्त्र बल और संगठन बल है। समाज में सभी देवियों ने शस्त्र को साथ रखा है। नारी हमेशा नर से श्रेष्ठ रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस आज अपना 98वां स्थापना दिवस मना रहा है. हिंदी तिथि के मुताबिक विजयादशमी के दिन ही 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी.
नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही आरएसएस की अलग-अलग शाखाओं पर स्थापना दिवस मनाया जाने लगता है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने युवाओं का आह्वान कि वह अपनी संस्कृति पर गर्व करें और प्रत्येक घर में अपनी संस्कृति को पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाएं।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रांत व्यवस्था प्रमुख अजय गोयल सुगंध, विभाग प्रचारक वतन कुमार, विभाग संघचालक ओम प्रकाश शास्त्री, महानगर संघचालक डॉ विनीत गुप्ता, महानगर कार्यवाह सुरेंद्रपाल सिंह, महानगर प्रचारक रोहित कुमार, देवेश सिंह, अनिल कुमार,
विक्रम सिंह, पीयूष गोयल, सानू कुमार, हंसराज सैनी, विजय कुमार सैनी, उत्कर्ष कुमार हर्ष कुमार आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।