अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट प उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी बड़ी जीत की ओर बढ़ती दिख रही है. भाजपा पहले राउंड से ही आगे चल रही है. 18 राउंड की गिनती होने तक दोनों दलों के बीच जीत का अंदर बहुत ज्यादा हो गया है. जिसके बाद यहां बीजेपी की जीत की ओर आगे बढ़ती दिख रही है. वहीं समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अजीत प्रसाद बुरी तरह पिछ़ड़ गए हैं. इस जीत के साथ ही मिल्कीपुर में बीजेपी ने अयोध्या की हार का बदला ले लिया है.
अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद लोकसभा चुनाव में जिस तरह समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद सीट पर जीत दर्ज की थी, उसे बीजेपी के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. अयोध्या में विकास के तमाम कार्यों के बावजूद पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा, इसका यकीन खुद बीजेपी को भी नहीं हो पाया था. समाजवादी पार्टी ने इस भी इस जीत को खूब भुनाया और अवधेश प्रसाद को अयोध्या नरेश कहकर बीजेपी के जख्मों पर नमक रगड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी
अयोध्या की हार के बाद से ही बीजेपी को इसकी कसक सता रही थी. अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई. जिसके बाद से ही पार्टी ने उपचुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी थी. सीएम योगी ने खुद मिल्कीपुर की कमान अपने हाथ में ले ली, जिसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई दौरे किए. हार के बावजूद वो अयोध्या और मिल्कीपुर में दौरा करते रहे. उन्होंने यूपी के छह मंत्रियों को मिल्कीपुर में उतार दिया और दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक में लगातार तमाम रणनीति पर नज़र बनाए हुए थे.
बीजेपी ने इस सीट पर तमाम बड़े दिग्गजों को दरकिनार करते हुए चंद्रभानु पासवान पर दांव लगाया, जिससे बड़ी संख्या में दलित वर्ग के लोग भाजपा के साथ आते दिखे. वहीं सीएम योगी ने भी जमकर अपने प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार किया. जबकि दूसरी तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव के आखिरी दिनों में एक्टिव दिखाई दिए. जिसका असर ये हुआ कि बीजेपी ने 9 महीने के अंदर अयोध्या में न सिर्फ सपा को पटखनी दे दी बल्कि मिल्कीपुर सीट जिस पर पहले सपा का कब्जा था वो भी उससे छीन ली